कविता के आधार पर पराधीन भारत की जेलों में दी जाने वाली यंत्रणाओं का वर्णन

कीजिए।

उस समय ब्रिटिश शासन का राज था| अंग्रेजों ने अपने राज में भारतीयों को दुखों एवं


अत्याचार के अतिरिक्त कुछ और नहीं दिया| उस दौर में जिन लोगों ने उनका विरोध करने


का निर्णय लिया उन्हें अंग्रेजों ने जेलों में ठूस दिया|


जेलों में देशभक्तों को भरपेट खाना भी नहीं मिल पाता था। एक तंग कोठरी जिसमें ठीक से


रोशनी भी नहीं आ पाती थी, उस कोठरी में देशभक्त जो अंग्रेजों के खिलाफ


आजादी की जंग लड़ रहे थे, उन्हें उस कोठरी में रखा जाता था। जेलों में देशभक्तों की छाती


पर बैलों की तरह फीता लगाकर चूना आदि पिसवाया जाता था।


उनसे कोल्हु चलवाकर तेल निकलवाया जाता था; और पत्थरों की गिट्टियाँ


तुड़वाई जाती थी। जेलों में अंग्रेजी शासन भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को भयंकर यातनाएँ


एवं दारुण कष्ट दिए जाते थे ताकि देशभक्त उन यातनाओं से भयभीत हो जाए तथा


अपने उद्देश्य से पीछे हट जाएं।


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